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What is Keeda Jadi (कीड़ा जड़ी क्या है), Himalayan Gold, कीड़ा जड़ी कहाँ पाई जाती है, Keeda Jadi price in International market, कीड़ा जड़ी के लिए चीन को घुसपैठ क्यों करता है?
चीनी सैनिकों ने कई बार अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने का प्रयास किया है, जो कई नामों से जानी जाने वाली एक दुर्लभ हिमालयी जड़ी-बूटी के करोड़ों डॉलर के बाजार के पीछे है। इस मूल्यवान जड़ी बूटी को भारत में ‘कीड़ा जड़ी’ कहा जाता है और इसे हिमालयन गोल्ड के रूप में जाना जाता है।
थिंक टैंक इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस (IPCSC) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने जड़ी-बूटियां इकट्ठा करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में कई बार घुसपैठ की है। 9 दिसंबर 2022 को, सीमावर्ती राज्य के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के बाद यह रिपोर्ट सामने आई है।
कीड़ा जड़ी एक ‘कैटरपिलर फंगस (Caterpillar Fungus), है, जिसे कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) भी कहा जाता है, इसका वैज्ञानिक नाम ओफियोकार्डिसेप्स साइनेंसिस (Ophiocordyceps sinensis) है। चीन और नेपाल में इसे ‘यार्सागुम्बा’ (Yarsagumba) और तिब्बत में इसे ‘यार्सगानबु’ कहा जाता है।
आम भाषा में कहे तो ये एक जंगली मशरूम है। यह एक विशेष कीड़े पर उसके कैटरपिलर को मारकर पनपता है। इसका नाम कीड़ा जड़ी रखने का एक कारण यह भी है कि यह आधा कीड़ा और आधा जड़ी-बूटी जैसा दिखता है।
मुख्य रूप से कीड़ा जड़ी भारतीय हिमालय में उच्च ऊंचाई पर और दक्षिण-पश्चिमी चीन में किंघई-तिब्बती पठार में पाया जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार यह सिक्किम में भी 4500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पाया जाता है। इतनी ऊंचाई पर वृक्ष रेखा (Treeline) समाप्त हो जाती है, यानी इसके बाद पेड़ों का बढ़ना बंद हो जाता है।
इसका बढ़ने या पनपने का चक्र तब शुरू हो जाता है जब मई से जुलाई तक बर्फ पिघलती है। यह भारत के साथ साथ नेपाल और भूटान के कई अन्य भागों में भी पाई जाती है। न्यूज मैगजीन द वीक के अनुसार नेपाल और तिब्बत में इसे यार्सागुम्बा कहा जाता है। यह एक काव्यात्मक नाम है, जिसका उत्तराखंड में अर्थ गर्मियों की घास, सर्दियों का कीड़ा और कीड़ा जड़ी होता है।
भारत सहित चीन, भूटान और नेपाल के कई इलाकों में कीड़ा जड़ी की मांग बहुत अधिक है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीड़ा जड़ी बहुत मूल्यवान है। 1 किलोग्राम कीड़ा-जड़ी का ग्लोबल मार्केट रेट (Keeda Jadi price in International market) 18 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक है, यानी लगभग 3500 से 4500 रुपये प्रति पीस। 2022 में कीडा जड़ी का वैश्विक बाजार लगभग 1,072.50 मिलियन डॉलर यानी 107 करोड़ रुपए था।
भारत के हिमालय और चीन में पारंपरिक चिकित्सक इसका उपयोग किडनी की बीमारी और नपुंसकता जैसी बीमारियों के लिए करते हैं। द वीक के अनुसार 15वीं सदी के तिब्बती औषधीय ग्रंथ ‘एन ओशन ऑफ एफ्रोडिसियाकल क्वॉलिटीज’ में कीड़ा जड़ी के फायदों का जिक्र सबसे पहले किया गया था।
सिक्किम के स्थानीय लोग और पारंपरिक चिकित्सक कीड़ा जड़ी का इस्तेमाल 21 अलग-अलग बीमारियों के लिए करते हैं। हेल्थ वेबसाइट onlymyhealth में कीड़ा जड़ी के कई सारे फायदे बताए हैं, नीचे दी गयी इमेज में देख सकते हैं।
हालांकि, इसके फायदों के बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ ज्यादा कुछ नहीं कहते, लेकिन बायोएक्टिव मॉलिक्यूल कॉर्डिसेपिन, जो कॉर्डिसेप्स यानि कीड़ा जड़ी में पाया जाता है उससे वैज्ञानिकों को काफी उम्मीदें हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रभावी नए एंटीवायरल और एंटी-कैंसर उपचार में बदल सकता है, क्योंकि इसमें बहुत अधिक चिकित्सीय क्षमता है।
हेल्थ वेबसाइट हेल्थलाइन के मुताबिक, थकान, बीमारी और किडनी इंफेक्शन के इलाज के लिए और सेक्स पावर बढ़ाने के लिए सदियों से चीन में पारंपरिक चिकित्सा में कीट और कवक के अवशेषों की सिफारिश की जाती रही है।
चीन में, कीड़ा जड़ी का उपयोग प्राकृतिक स्टेरॉयड के रूप में किया जाता है। चीन में यह जड़ी-बूटी खिलाडिय़ों खासकर एथलीटों को दी जाती है, क्योंकि इसमें शरीर की ऊर्जा को तुरंत बढ़ाने की क्षमता होती है।
स्टटगार्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप 2009 के दौरान भी यह जड़ी बूटी सुर्खियों में आई थी। चैंपियनशिप में चीनी महिला एथलीटों ने 1500 मीटर, 3000 मीटर और 10,000 मीटर स्पर्धाओं में रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद, उनके ट्रेनर मा जुनरेन ने मीडिया में कहा कि उन्हें नियमित रूप से यार्सागुम्बा (Yarsagumba) यानी कीड़ा जड़ी को खिलाया जाता था। यही कारण है कि महिला एथलीटों ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है।
हेल्थलाइन के मुताबिक, ये फंगस प्रोटीन, पेप्टाइड्स, अमीनो एसिड और विटामिन बी-1, बी-2 और बी-12 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। यह एथलीटों को तुरंत ताकत देता है और खिलाड़ियों के डोपिंग टेस्ट में इसका पता भी नहीं चलता।
कीड़ा जड़ी का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक चीन है। इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस के अनुसार, पिछले दो वर्षों में, चीन के सबसे बड़े उत्पादक क्षेत्र किंघाई में फंगस की कमी के कारण कीड़ा जड़ी की फसल में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। हालांकि, उसी समय, बेशकीमती कॉर्डिसेप्स की मांग पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है।
जानकारों का कहना है कि ज्यादा मांग और सीमित संसाधनों की वजह से कीड़ा जड़ी की जरूरत से ज्यादा कटाई की गई है। इस वजह से 2018 के बाद से चीन में इसका उत्पादन घट गया है। इस दौरान 41,200 किलोग्राम कीड़ा जड़ी का उत्पादन हुआ, जो 2017 की तुलना में 5.2% कम है। 2017 में 43,500 किलोग्राम कीड़ा जड़ी का उत्पादन हुआ था। IPCSC के अनुसार, 2010 और 2011 में, चीन के प्रांतीय मीडिया ने 1.5 लाख किलोग्राम उत्पादन की सूचना दी।
किंघाई में चीनी कॉर्डिसेप्स कंपनियां हाल के वर्षों में कीड़ा जड़ी की कटाई के लिए पूरे पहाड़ों को बंद करने के लिए स्थानीय लोगों को लाखों युआन का भुगतान कर रही हैं। सर्वेक्षण से पता चला है कि कीड़ा जड़ी की वार्षिक फसल कम हो गई है। इसकी वजह ओवर हार्वेस्टिंग को माना जा रहा है। IPCSC के अनुसार, हिमालय के कुछ हिस्सों में कीड़ा जड़ी लोगों की आजीविका का एकमात्र स्रोत है। ये लोग पहले जमा करते हैं और फिर इसे बेचते हैं। हिमालय और तिब्बती पठार में 80% घरेलू आय का स्रोत कीड़ा जड़ी है।
हिमालय क्षेत्र में उगने वाली औषधीय गुणों से भरपूर, शक्तिवर्धक Keeda Jadi (Yarsagumba) को DRDO ने लंबी रिसर्च के बाद लैब में विकसित किया है। कीड़ा जड़ी को प्राकृतिक रूप से विकसित होने में छह महीने लगते हैं, लेकिन लैब में इसे उसी तापमान पर 60 दिनों में उगाया जाएगा।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की इकाई डिफेन्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ बायो-एनर्जी रिसर्च (DIBER) ने लंबे समय तक शोध में सफलता के बाद इसके व्यावसायिक उत्पादन की तैयारी कर ली है। इसका उत्पादन उत्तराखंड, गुजरात और केरल की प्रयोगशालाओं में किया जाएगा।
उत्तर: कीड़ा जड़ी के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इसे पौष्टिक तत्वों का खजाना भी कहा जाता है। इसमें कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन्फ्लेमेशन को ठीक करने में भी कीड़ा जड़ी सहायक है। इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जा सकता है और इसका उपयोग कैंसर के इलाज के रूप में किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार कीड़ा जड़ी एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी एंजाइम और विटामिन के गुणों से भरपूर औषधि है, जिसका इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
उत्तर: कीड़ा जड़ी मुख्य रूप से भारतीय हिमालय के ऊंचे इलाकों और दक्षिण-पश्चिमी चीन के किंघई-तिब्बती पठार में पाया जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार यह सिक्किम में भी 4500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पाया जाता है। इस ऊंचाई पर वृक्ष रेखा (Treeline) समाप्त हो जाती है।
उत्तर: यह एक प्रकार का जंगली मशरूम है जो हैपिलस फेब्रिकस नामक कीड़े के ऊपर उगता है। इस पीले-भूरे रंग के इस जड़ी का आधा भाग कीड़े के समान और आधा भाग जड़ी के समान दिखाई देता है, इसलिए इसे कीड़ा जड़ी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Cordyceps sinensis (कॉर्डिसेप्स साइनेसिस) है।