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नीम करोली बाबा की कहानी, Neem Karoli Baba Story in Hindi, नीम करोली बाबा की कृपा से स्टीव जॉब्स शुरू कर सके Apple कंपनी, Facebook के मार्क जुकरबर्ग को भी मिली इन्हीं से प्रेरणा, विराट कोहली भी हैं नीम करोली बाबा के परम भक्त
बाबा नीम करोली के चमत्कारों की चर्चा आज सोशल मीडिया पर हर जगह हो रही है, लेकिन उनके चमत्कारों का सिलसिला सालों से चला आ रहा है। उनके शब्दों की शक्ति इतनी प्रभावशाली थी कि इसने एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का जीवन बदल दिया।
नीम करोली बाबा हनुमान के महान भक्त थे जिन्होंने दुनिया भर के लोगों को प्रभावित किया और उन्हें इस सदी का सबसे महान संत कहा जाता है। उनका जन्म 1900 में अकबरपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनका वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था, 11 वर्ष की आयु में उनके ज्ञान की चर्चा सर्वत्र होने लगी।
उनके परिवार ने उन्हें संन्यासी बनने से रोकने के लिए उनकी शादी कर दी, लेकिन फिर भी उन्होंने ज्ञान प्राप्त करने के लिए घर छोड़ दिया और सात वर्षों तक गुजरात के बबनिया में तपस्या करके कई सिद्धियाँ हासिल कीं। 1961 में वह नैनीताल के पास कैंची धाम पहुंचे और बाद में यहां अपना आश्रम स्थापित किया जहां आज दुनिया भर से लोग उनका आशीर्वाद लेने आते हैं।
पूरा नाम: | लक्ष्मी नारायण शर्मा |
जन्म: | 1900 (अकबरपुर, उत्तर प्रदेश) |
निधन: | 11 सितम्बर 1973, वृन्दावन |
बच्चे: | अनेग सिंह शर्मा, धर्म नारायण शर्मा, गिरिजा भटेले |
धर्म (Religion): | हिंदू धर्म |
Philosophy: | भक्ति योग |
बाबा नीमकरौली की कृपा ने न केवल आम लोगों को परेशानियों से बचाया है बल्कि बड़े-बड़े उद्योगपतियों और मशहूर हस्तियों को भी रास्ता दिखाया है।
दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनियों में से एक एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स को इस कंपनी को स्थापित करने का विचार Neem Karoli Baba के आश्रम में ही आया था। Apple शुरू करने से पहले स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 तक भारत घूमने आए थे। भारत आने का उनका उद्देश्य न केवल भारत भ्रमण करना था बल्कि आध्यात्मिकता की खोज करना भी था।
इसी तलाश में वह Neem Karoli Baba के आश्रम तक पहुंच गए, लेकिन वहां पहुंचने के बाद स्टीव जॉब्स को पता चला कि बाबा नीम करोली ने एक साल पहले ही 1973 में महासमाधि ले ली थी। बाबा नीम करोली से उनकी मुलाकात तो नहीं हो सकी लेकिन स्टीव जॉब्स को उनके चमत्कार का आशीर्वाद मिला। स्टीव जॉब्स को बाबा नीम करोली के रूप में अपने आध्यात्मिक गुरु मिले।
स्टीव जॉब्स के कहने पर फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी बाबा नीम करोली के आश्रम पहुंचे। काफी समय से मार्क जुकरबर्ग इस बात को लेकर चिंतित थे कि क्या फेसबुक को कंपनी को बचाने की आखिरी कोशिश करनी चाहिए या इसे बेच देना चाहिए। जब वे इस बारे में सलाह लेने के लिए स्टीव जॉब्स के पास गए तो स्टीव जॉब्स ने ही उन्हें Neem Karoli Baba की शरण में जाने को कहा।
इसके बाद मार्क जुकरबर्ग भारत आए और बाबा नीम करोली के आश्रम में कुछ समय बिताया, जिससे उन्हें नई ऊर्जा मिली। जिसके बाद वह अमेरिका लौट गए और अपनी सभी समस्याओं का समाधान किया, आज फेसबुक दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है।
नीम करोली बाबा के आश्रम में आज की बड़ी-बड़ी हस्तियां अक्सर देखी जाती हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के चमकते सितारे विराट कोहली अक्सर अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ Neem Karoli Baba के दर्शन करने जाते रहते हैं।
इसके अलावा ऑस्कर विजेता हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स ने नीम करोली बाबा के प्रभाव में आकर हिंदू धर्म अपना लिया हैं। जूलिया रॉबर्ट्स बाबा नीम करोली से कभी नहीं मिलीं लेकिन उनकी तस्वीर देखकर और उनकी वचनों को सुनकर वह इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने 2009 में हिंदू धर्म अपना लिया और आज तक इसका पालन कर रही हैं।
11 सितंबर 1973 की रात बाबा वृन्दावन स्थित अपने आश्रम में थे। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन मास्क लगाया लेकिन बाबा ने इसे पहनने से इनकार कर दिया। उन्होंने वहां मौजूद भक्तों से कहा कि अब मेरे जाने का समय हो गया है। उन्होंने तुलसी और गंगाजल का सेवन किया और रात करीब 1:15 बजे अपना शरीर त्याग दिया। हालांकि, उनकी मृत्यु का कारण डायबिटिक कोमा बताया जा रहा है।
मैं हूं बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन ।। करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।। जय जय नीम करोली बाबा, कृपा करहु आवे सद्भावा।।
नीम करोली बाबा हनुमानजी के बहुत बड़े भक्त थे। बाबा के अनुसार जो व्यक्ति प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा करता है उसका बेड़ा अवश्य ही पार हो जाता है।
जनवरी से जून तक यानि हल्की सर्दी, गर्मी और बारिश से पहले नीम करोली बाबा के आश्रम में जाए, और विशेष रूप से जून में जब एक बड़े भंडारे के साथ 1-2 दिन का उत्सव होता है।