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डायरेक्ट-टू-मोबाइल प्रसारण (D2M Technology) क्या है और सरकार इस तकनीक को सुविधाजनक बनाने के लिए क्या कर रही है? इसका उपभोक्ता और व्यावसायिक प्रभाव क्या हो सकता है? प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन में संभावित चुनौतियाँ क्या हैं?
भारत सरकार डायरेक्ट टू मोबाइल तकनीक (D2M Technology) का प्रयोग कर रही है जो उपयोगकर्ताओं को सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन के बिना मल्टीमीडिया सामग्री को सीधे मोबाइल फोन पर डाउनलोड करने की अनुमति देगी। इस स्वदेशी तकनीक के जरिए भारत सरकार का लक्ष्य नागरिकों को सीधी जानकारी प्रदान करना, फर्जी खबरों से निपटना, आपातकालीन अलर्ट जारी करना और आपदा प्रबंधन में मदद करना है।
डेलॉइट (Deloitte) के एक अध्ययन के अनुसार, 2021 में भारत में 1.2 बिलियन मोबाइल ग्राहक थे, जिनमें से लगभग 750 मिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ता थे। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में स्मार्टफोन की मांग 6 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है। अनुमान है कि 2026 तक भारत में 1 अरब स्मार्टफोन उपयोगकर्ता होंगे। 5G तकनीक और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से अपनाए जाने से स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की वृद्धि में तेजी आएगी।
डी2एम तकनीक की अवधारणा एफएम रेडियो के समान है, जहां डिवाइस में रिसीवर रेडियो फ्रीक्वेंसी में टैप कर सकता है। यह तकनीक ब्रॉडबैंड और ब्रॉडकास्टिंग का एक संयोजन है, जिसके उपयोग से मोबाइल फोन क्षेत्रीय डिजिटल टीवी सिग्नल कैप्चर कर सकते हैं। D2M Technology का उपयोग करके, मल्टीमीडिया सामग्री को सीधे फ़ोन पर प्रसारित किया जा सकता है।
Direct To Mobile Technology का उपयोग संभावित रूप से उपयोगकर्ता-केंद्रित जानकारी से संबंधित सामग्री को सीधे प्रसारित करने और अलर्ट जारी करने, आपदा प्रबंधन में सहायता, फर्जी खबरों से निपटने और आपातकालीन प्रतिक्रिया में सहायता प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
इसके अलावा, D2M Technology का उपयोग मोबाइल फोन पर वास्तविक समय की घटनाओं जैसे लाइव समाचार, खेल, संगीत कार्यक्रम और बहुत कुछ प्रसारित करने के लिए भी किया जा सकता है। इस तकनीक से डिजिटल मीडिया सामग्री को बिना किसी बफरिंग या इंटरनेट डेटा खपत के स्ट्रीम किया जा सकता है।
सरकारें काफी समय से प्रौद्योगिकी के पीछे हैं क्योंकि इसका उपयोग सीधे नागरिक-केंद्रित जानकारी भेजने के लिए किया जा सकता है, यहां तक कि उन लोगों को भी जिनके पास इंटरनेट नहीं है।
यदि प्रौद्योगिकी आगे बढ़ती है तो केबल और डीटीएच क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के सचिव अपूर्व चंद्रा के अनुसार, इसमें किसी मध्यस्थ की आवश्यकता के बिना उपभोक्ताओं के घरों तक सीधा प्रसारण शामिल होगा और इसमें एक बड़ा बदलाव आएगा।
प्रौद्योगिकी से व्यवसायों को भी लाभ होगा। इससे दूरसंचार कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को अपने मोबाइल नेटवर्क से प्रसारण नेटवर्क पर वीडियो ट्रैफ़िक को अपलोड करने की अनुमति मिल जाएगी, जिससे उन्हें मूल्यवान मोबाइल स्पेक्ट्रम को कम करने में मदद मिलेगी। वीडियो ट्रैफ़िक कम करने से मोबाइल स्पेक्ट्रम उपयोग में सुधार होगा। साथ ही, यह बैंडविड्थ को मुक्त कर देगा जिससे डायरेक्ट कॉल ड्रॉप कम हो जाएगा और डेटा स्पीड बढ़ जाएगी।
उपभोक्ता परिप्रेक्ष्य से, स्मार्टफोन उपयोगकर्ता अपने मोबाइल डेटा को समाप्त किए बिना वीडियो ऑन डिमांड (VoD) या ओवर द टॉप (OTT) सामग्री प्लेटफार्मों से मल्टीमीडिया सामग्री तक पहुंच सकते हैं। इससे ग्राहकों के लिए डेटा लागत कम करने में मदद मिलेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले सालों में भारत में भी ओटीटी यूजर्स तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
इसके अलावा, भारत की अधिकांश आबादी अभी भी ग्रामीण इलाकों में रहती है जहां इंटरनेट की पहुंच बहुत कम है। D2M Technology उन जगहों के उपयोगकर्ताओं के लिए इस समस्या का समाधान करेगा जहां इंटरनेट की पहुंच सीमित है या बिल्कुल नहीं है, फिर भी वे वीडियो सामग्री देख पाएंगे।
साथ ही, D2M Technology स्कूलों और कॉलेजों के लिए बेहद उपयोगी हो सकती है, खासकर खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले दूरदराज के इलाकों में। इससे ऐसे क्षेत्रों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक सामग्री प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
किसान खेती और सिंचाई के तरीकों या मौसम के पूर्वानुमान के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जिसके आधार पर वे अपनी फसलों की योजना बना सकते हैं।
Direct To Mobile Technology एक मल्टीमीडिया कंटेंट ट्रांसमिशन तकनीक है जो हमारे डिजिटल मीडिया और ओटीटी कंटेंट तक ऑनलाइन पहुंचने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाती है। यह मूल रूप से इंटरनेट और वीडियो प्रसारण के अभिसरण पर आधारित है और ब्रॉडबैंड खपत और स्पेक्ट्रम उपयोग को बढ़ाने का वादा करता है।
D2M Broadcasting लाइव प्रसारण वीडियो, खेल, समाचार और ओटीटी सामग्री के रूपों को सक्रिय इंटरनेट कनेक्शन के बिना सीधे मोबाइल उपकरणों पर स्ट्रीम करने में सक्षम बनाता है।
दूरसंचार विभाग वर्तमान में एक व्यवहार्यता अध्ययन कर रहा है। प्रौद्योगिकी अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती D2M Technology को बड़े पैमाने पर लॉन्च करने के लिए दूरसंचार कंपनियों सहित विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाना है। विभिन्न हितधारकों को अपने साथ लाने के लिए सरकार को उनके लिए एक आकर्षक प्रस्ताव विकसित करना होगा या प्रौद्योगिकी में उछाल के लिए नीतिगत सुधार करने होंगे।
सरकार को प्रौद्योगिकी को बड़े पैमाने पर तैनात करने के लिए ढांचागत चुनौतियों से भी पार पाना होगा। देश के हर कोने में तकनीक उपलब्ध कराना आसान नहीं होगा।
D2M का फुल फॉर्म Direct-to-Mobile (डायरेक्ट-टू-मोबाइल) है। यह तकनीक ब्रॉडबैंड और प्रसारण के अभिसरण पर आधारित है जिसके उपयोग से मोबाइल फोन स्थलीय डिजिटल टीवी प्राप्त कर सकते हैं।
डी2एम (डायरेक्ट-टू-मोबाइल) नामक यह तकनीक मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को केबल या डीटीएच के माध्यम से टीवी देखने के समान ही अपने डिवाइस पर टीवी देखने में सक्षम बनाएगी।
D2M (Direct-to-Mobile) के रूप में जानी जाने वाली यह तकनीक मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं को केबल या डीटीएच कनेक्शन के माध्यम से अपने डिवाइस पर टीवी देखने की अनुमति देगी।