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Gautam Adani Success Story, डॉयमंड कंपनी में किया काम, कारोबार का विस्तार, अदाणी हुए किडनैप, आतंकवादियों ने बना लिया था बंधक, अडानी से जुड़े विवाद, नरेंद्र मोदी के साथ रिश्ते, गौतम अडानी के सामाजिक कार्य, गौतम अडानी पुरस्कार
घरेलू राशन से लेकर कोयला खदानों तक, रेलवे, हवाई अड्डों और बंदरगाहों से लेकर बिजली उत्पादन तक, ऐसे दर्जनों व्यवसाय हैं जहां गौतम अडानी का बड़ा प्रभाव है। गौतम अडानी की इस सफलता का राज क्या है? उनका जीवन और व्यवसायिक सफर कैसा था?
गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962 को अहमदाबाद में एक गुजराती जैन परिवार में हुआ था। गौतम अडानी के पिता का नाम शांतिलाल अडानी और मां का नाम शांताबेन अडानी है। अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शांतिलाल और शांताबेन अडानी गुजरात के थराद नामक एक छोटे से गाँव से अहमदाबाद आकर बस गए।
शांतिलाल अडानी एक छोटे कपड़ा व्यवसायी थे, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी।
Gautam Adani ने अपनी स्कूली शिक्षा सेठ सीएन स्कूल, अहमदाबाद से पूरी की। इसके बाद अडानी ने गुजरात विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। हालांकि, इसी बीच परिवार की ख़राब आर्थिक स्थिति को देखते हुए 1978 में गौतम अडानी ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और जेब में सिर्फ 100 रुपये लेकर सपनों की नगरी मुंबई पहुंच गए।
मुंबई पहुंचने के बाद Gautam Adani ने एक हीरा कंपनी (महिंद्रा ब्रदर्स की मुंबई शाखा) में काम करना शुरू कर दिया। गौतम अडानी मेहनती और प्रतिभाशाली थे, इसलिए वे व्यवसाय के नियमों और बदलते बाजार के रुझान को बहुत जल्दी समझने लगे। बिजनेस को अच्छे से समझने के बाद, गौतम अडानी ने नौकरी छोड़ दी और मुंबई के सबसे बड़े आभूषण बाजार, झवेरी बाज़ार में अपना खुद का डायमंड ब्रोकरेज स्थापित किया।
उनकी किस्मत 1981 में चमकने लगी, जब उनके बड़े भाई ने उन्हें अहमदाबाद बुलाया। उनके भाई ने एक प्लास्टिक पैकेजिंग कंपनी ख़रीदी थी, लेकिन कच्चे माल की कमी के कारण वह कंपनी नहीं चला सके। इस अवसर का लाभ उठाते हुए, Gautam Adani ने कांडला बंदरगाह पर प्लास्टिक ग्रैनुएल्स का आयात शुरू किया, जो बाद में पॉलीविनाइल के माध्यम से वैश्विक व्यापार करने में पहला कदम बन गया।
1985 में, गौतम ने लघु उद्योगों के लिए पॉलिमर का आयात करना शुरू किया। 1988 में, उन्होंने अडानी एक्सपोर्ट्स की स्थापना की, जिसे अब अडानी एंटरप्राइजेज के नाम से जाना जाता है, जो एग्रीकल्चर और पावर कमोडिटी में कारोबार करता है।
1991 में आर्थिक उदारीकरण की नीतियां उनके व्यवसाय के लिए अच्छी थीं, इसलिए उन्होंने धातु, कपड़ा और कृषि उत्पादों का व्यापार करना शुरू कर दिया।
1993 में, गुजरात सरकार ने कहा कि वह मुंद्रा पोर्ट को चलाने का काम एक निजी कंपनी को देगी, जिसका कॉन्ट्रैक्ट 1995 में अडानी ने जीत लिया। अडानी ग्रुप ने 1995 में मुंद्रा पोर्ट का संचालन शुरू किया। करीब 8 हजार हेक्टेयर में फैला अडानी का मुंद्रा पोर्ट आज भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह है।
पूरे भारत के लगभग एक-चौथाई माल की आवाजाही मुंद्रा बंदरगाह से होती है। अडानी समूह (Adani Group) की सात समुद्री राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा में 13 घरेलू बंदरगाहों के साथ-साथ एक विशाल कोयला आधारित बिजली स्टेशन और विशेष आर्थिक क्षेत्र में उपस्थिति है।
मुंद्रा बंदरगाह के पास दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उतारने की क्षमता है। यह बंदरगाह एक स्पेशल इकोनॉमिक जोन के तहत बनाया गया है, जिसका मतलब है कि इसकी प्रमोटर कंपनी को कोई टैक्स नहीं देना होगा। इस क्षेत्र में एक बिजली प्लांट, एक निजी रेलवे लाइन और एक निजी हवाई अड्डा भी है।
1996 में, उन्होंने अडानी पावर कंपनी शुरू की और ऊर्जा व्यवसाय के नए क्षेत्र में प्रवेश किया। इसके बाद, उन्होंने 4620 मेगावाट की क्षमता वाला देश का सबसे बड़ा निजी थर्मल पावर प्लांट संचालित किया।
2006 से 2012 तक, उन्होंने अपने बिजली उत्पादन कारोबार का विस्तार अन्य देशों में किया, और 2020 में सौर ऊर्जा और हरित ऊर्जा उद्योगों में प्रवेश किया। मई में, उन्होंने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) द्वारा आयोजित नीलामी में यह परियोजना जीती। उन्होंने करीब 6 मिलियन डॉलर की बोली लगाई। इसके साथ ही उन्होंने 8000 मेगावाट फोटोवोल्टिक बिजली के लिए हरित ऊर्जा परियोजना शुरू की।
जनवरी 1999 में, अडानी ग्रुप ने विल एग्री-बिजनेस ग्रुप विल्मर के साथ हाथ मिलाकर खाद्य तेल व्यवसाय में प्रवेश किया। आज देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला फॉर्च्यून खाद्य तेल अडानी-विल्मर कंपनी द्वारा उत्पादित किया जाता है। फॉर्च्यून ऑयल के अलावा, Adani Group उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में आटा, चावल, दालें और चीनी जैसे दर्जनों उत्पाद बनाती है।
2005 में, अडानी ग्रुप ने भारतीय खाद्य निगम के सहयोग से देश में बड़े-बड़े साइलोज़ का निर्माण शुरू किया। साइलोज़ में बड़ी मात्रा में अनाज का भण्डारण किया जाता है।
शुरुआत में अडानी ग्रुप ने 20 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर देश के विभिन्न राज्यों में साइलोज़ का निर्माण किया। उनकी कनेक्टिविटी के लिए, अडानी ग्रुप ने पूरे भारत में साइलोज़ यूनिट से वितरण केंद्रों तक अनाज की आवाजाही की सुविधा के लिए निजी रेल लाइनें भी बनाईं।
आज की तारीख में अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड देश में भारतीय खाद्य निगम और मध्य प्रदेश सरकार के अनाज को अपने साइलोज़ में स्टोर करती है। इसमें भारतीय खाद्य निगम का 5.75 लाख मीट्रिक टन और मध्य प्रदेश सरकार का 3 लाख मीट्रिक टन अनाज शामिल है।
फॉर्च्यून इंडिया मैगजीन के मुताबिक, 2010 में अडानी ने ऑस्ट्रेलिया की लिंक एनर्जी से 12,147 करोड़ रुपये में कोयला खदान खरीदी थी। जीली बेस्ट क्वीन द्वीप में स्थित इस खदान में 7.8 बिलियन टन का खनिज भंडार है जो हर साल 60 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर सकती है।
इंडोनेशिया में तेल, गैस और कोयला जैसे प्रचुर प्राकृतिक संसाधन हैं, लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी के कारण इन संसाधनों का पूरा लाभ उठाना संभव नहीं है। 2010 में, अडानी ग्रुप ने इंडोनेशिया के दक्षिण सुमात्रा से कोयला परिवहन के लिए डेढ़ अरब डॉलर के पूंजी निवेश की घोषणा की। इसके लिए दक्षिण सुमात्रा में बनने वाली रेलवे परियोजना के लिए प्रांतीय सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
उस समय एक बयान में, इंडोनेशिया निवेश बोर्ड ने कहा था कि Adani Group पाँच करोड़ टन की क्षमता वाला एक कोयला हैंडलिंग बंदरगाह का निर्माण करेगा और दक्षिण सुमात्रा द्वीप पर कोयला खदानों से कोयले के परिवहन के लिए 250 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछाएगा।
2002 में अडानी साम्राज्य का टर्नओवर 765 मिलियन डॉलर था, जो 2014 में बढ़कर 10 बिलियन डॉलर हो गया।
2015 में अडानी ग्रुप ने सेना को रक्षा उपकरणों की आपूर्ति भी शुरू कर दी। कुछ समय बाद कारोबार का विस्तार प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में हुआ और 2017 में सोलर पीवी पैनल का उत्पादन शुरू किया।
अडानी ग्रुप ने 2019 में एयरपोर्ट सेक्टर में कदम रखा। Adani Group के पास अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम इन छह हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण और संचालन की जिम्मेदारी है। Adani Group इन छह हवाई अड्डों का संचालन, प्रबंधन और विकास का काम 50 सालों तक करेगा।
Gautam Adani के नेतृत्व वाले Adani Group की मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में 74 फीसदी हिस्सेदारी है। दिल्ली के बाद मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है।
यह मामला 1997 का है, जब Gautam Adani उस समय एक उभरते उद्यमी थे और उनका कारोबार देश में तेजी से फैल रहा था। एक दिन गौतम अडानी का अपहरण कर लिया गया और अपहरणकर्ताओं ने उनकी रिहाई के लिए लगभग 11 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी।
इस मामले में पुलिस ने 1 जनवरी 1998 को आरोप पत्र दाखिल किया था। अडानी के साथ कारोबारी शांतिलाल पटेल का भी अपहरण कर लिया गया था, जब दोनों अपनी कार से कर्णावती क्लब से मोहम्मदपुरा रोड की ओर निकले थे।
रास्ते में एक स्कूटर सवार ने उनकी कार को जबरन रोका और फिर एक वैन में कई लोग आए और दोनों को किडनैप कर लिया। उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और भारी-भरकम फिरौती देने के बाद रिहा किया गया।
ये 2008 की घटना है, जब Gautam Adani को आतंकियों ने बंधक बना लिया था। 26 नवंबर 2008 को गौतम अडानी ताज होटल में डिनर के लिए गए थे, इसी दौरान वहां आतंकियों ने हमला कर दिया। उस दौरान मुंबई में एक साथ कई जगहों पर आतंकी हमले थे।
160 लोगों की मौत हुई थी: ताज होटल में आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 160 लोगों की मौत हो गई। गोलीबारी से जब होटल में आग लगी तब Gautam Adani वेदर क्राफ्ट रेस्तरां में दुबई पोर्ट के सीईओ मोहम्मद शराफ के साथ डिनर कर रहे थे।
अडानी ऊंचाई पर बैठे थे इसलिए उन्हें सबकुछ साफ दिख रहा था। आतंकी स्विमिंग पूल और लिफ्ट की तरफ लगातार फायरिंग कर रहे थे। गौतम अडानी समेत फंसे हुए कुछ लोगों को होटल स्टाफ एक-एक करके बेसमेंट में ले गए।
अडानी ने एक इंटरव्यू में इस घटना की जानकारी दी, उन्होंने कहा कि उस वक्त उनके साथ 100 से ज्यादा लोग फंसे हुए थे और हर कोई अपनी जिंदगी के लिए दुआ कर रहा था।
वहीं, अडानी ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार से फोन पर बात की, इसके अलावा वह होटल के बाहर कार में बैठे अपने ड्राइवर और कमांडो से भी लगातार बात कर रहे थे।
अडानी ने 26 नवंबर की पूरी रात होटल के चैंबर में बिताई और अगले दिन गुरुवार सुबह करीब 8.45 बजे सुरक्षा बलों ने उन्हें बाहर निकाला। 27 नवंबर को वह अपने प्राइवेट एयरक्राफ्ट से अहमदाबाद के लिए रवाना हुए। अडानी ने एक इंटरव्यू में घटना के बारे में बताते हुए कहा, ‘मैंने मौत को 15 फीट की दूरी से देखा है।’
Gautam Adani की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नजदीकियां 2002 से ही सामने आने लगीं थी जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़कने के बाद, व्यापार जगत की संस्था कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज़ (CII) से जुड़े उद्योगपतियों ने उस समय स्थिति को नियंत्रित करने में ढिलाई बरतने के लिए मोदी की आलोचना की।
साथ ही मोदी गुजरात को निवेशकों के लिए पसंदीदा जगह के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे थे। तब Gautam Adani ने गुजरात के अन्य उद्योगपतियों को मोदी के पक्ष में लाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने CII के समानांतर एक और संगठन खड़ा करने की चेतावनी भी दी थी।
मार्च 2013 में, नरेंद्र मोदी को अमेरिका के व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस में एक कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। शिक्षकों और छात्रों के विरोध के बाद, नरेंद्र मोदी को मुख्य वक्ता के पद से हटा दिया गया, तब कार्यक्रम के मुख्य प्रायोजकों में से एक, Adani Group ने वित्तीय सहायता वापस ले ली।
Gautam Adani ‘अडानी फाउंडेशन‘ के प्रमुख हैं। यह फाउंडेशन न केवल गुजरात में बल्कि महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों में भी काम करता है।
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, मार्च 2020 में उन्होंने अपने समूह की चैरिटी शाखा के माध्यम से कोविड-19 से लड़ने में मदद के लिए पीएम केयर्स फंड में लगभग 100 करोड़ रुपये का दान दिया था। साथ ही गुजरात मुख्यमंत्री राहत कोष में 5 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ रुपये दिए।
‘अडानी फाउंडेशन’ चार महत्वपूर्ण तरीकों से समाज की मदद करता है:
गौतम अडानी की शादी 1 मई 1986 को प्रीति से हुई। प्रीति एक मेडिकल स्टूडेंट थी, लेकिन शादी के बाद प्रीति ने अपना करियर छोड़कर निस्वार्थ भाव से Gautam Adani को उनके कारोबार में साथ दिया। उन्होंने गौतम अडानी को परिवार और बच्चों की ज़िम्मेदारियों से दूर रखा ताकि वह अपना पूरा ध्यान अपने बिज़नेस पर लगा सकें।
प्रीति अडानी ‘अडानी फाउंडेशन‘ की प्रमुख हैं। इस फाउंडेशन की मदद से वह करीब 32 लाख लोगों की मदद करती हैं। प्रीति अडानी इस सामाजिक कार्य से बेहद खुश हैं। उन्हें कई बड़े पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।
कौन हैं गौतम अडानी?
गौतम शांतिलाल अडानी एक भारतीय उद्यमी और स्व-निर्मित अरबपति उद्योगपति हैं जो Adani Group के संस्थापक और अध्यक्ष हैं।
अडानी की कितनी कंपनी है?
अडानी ग्रुप की ये 6 कंपनियां अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises), अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas), अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission), अडानी ग्रीन (Adani Green), अडानी पोर्ट (Adani Ports) और अडानी पावर (Adani Power) है।
गौतम अडानी के कितने बच्चे हैं?
गौतम और प्रीति अडाणी के दो बच्चे हैं, बड़े बेटे का नाम करण और छोटे बेटे का नाम जीत अडाणी है।
गौतम अडानी का घर कितने करोड़ का है?
गौतम अडानी के घर की कीमत 400 करोड़ रुपये है, उनका घर 3.4 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है।